वॉशिंगटन | 14 अक्टूबर 2025
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने सोमवार को अपने विशालकाय Starship रॉकेट का एक और सफल टेस्ट फ्लाइट पूरा किया।
यह वही रॉकेट है जिस पर NASA की चांद मिशन और मस्क की मंगल यात्रा की महत्वाकांक्षा टिकी है।
NASA के चांद मिशन और मस्क के मंगल सपने का अहम हिस्सा
Starship को दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली रॉकेट माना जाता है।
NASA अपने महत्वाकांक्षी Artemis कार्यक्रम के तहत इसी रॉकेट की मदद से 2027 तक इंसानों को फिर से चांद पर भेजने की योजना बना रहा है।
वहीं एलन मस्क इसे भविष्य में मानव मिशन टू मार्स (Mars Mission) के लिए विकसित कर रहे हैं।
11वीं टेस्ट फ्लाइट में रॉकेट ने रचा इतिहास
यह रॉकेट सोमवार शाम 6:25 बजे (टेक्सास समयानुसार) स्पेसएक्स के दक्षिणी टेक्सास स्थित लॉन्च पैड से उड़ान भरा।
रॉकेट का बूस्टर चरण (booster stage) सफलतापूर्वक गल्फ ऑफ मैक्सिको में लैंड हुआ, जबकि मुख्य स्पेसक्राफ्ट कक्षा में पहुंचकर कई महत्वपूर्ण ऑर्बिटल टेस्ट्स कर रहा है।
करीब एक घंटे बाद इसके भारतीय महासागर में नियंत्रित तरीके से गिरने की योजना है।
पहले हुए थे धमाके, अब मिल रही सफलता
स्पेसएक्स ने इससे पहले कई बार Starship को लॉन्च किया, लेकिन शुरुआती परीक्षणों में कई विस्फोट हुए थे, जिनसे प्रोजेक्ट की टाइमलाइन को लेकर सवाल उठे।
हालांकि, अगस्त 2025 की पिछली उड़ान सफल रही थी — जिसमें कंपनी ने पहली बार आठ डमी स्टारलिंक सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में छोड़ा था।
एलन मस्क के सामने अब भी बड़ी तकनीकी चुनौतियाँ
एलन मस्क ने स्वीकार किया है कि इस मिशन की सबसे बड़ी तकनीकी चुनौती है —
रियूजेबल हीट शील्ड (Reusable Heat Shield) विकसित करना,
और कक्षा में ही रॉकेट को ईंधन से दोबारा भरने (Orbital Refueling) की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक साबित करना।
दोनों ही तकनीकें अभी तक किसी भी अंतरिक्ष यान में पूरी तरह सफल नहीं हुई हैं।
🇺🇸 NASA बनाम चीन: नई स्पेस रेस शुरू
अमेरिका और चीन के बीच अब एक नई अंतरिक्ष दौड़ (Second Space Race) छिड़ चुकी है।
जहां NASA 2027 तक Artemis III मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है, वहीं चीन ने अपने पहले मानवयुक्त चांद मिशन के लिए 2030 की समयसीमा तय की है।
हालांकि NASA के सलाहकारों का मानना है कि Starship प्रोजेक्ट में देरी के कारण अमेरिका को समय पर मिशन पूरा करने में दिक्कत आ सकती है।