नई दिल्ली। वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2) भारतीय कंपनियों के लिए बेहतरीन साबित हुई है। अधिकांश सेक्टर्स से आई रिपोर्ट्स में मुनाफे और रेवेन्यू दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू मांग में सुधार, निर्यात में मजबूती और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर बढ़ते निवेश ने इस शानदार प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई है।
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों ने उम्मीद से बेहतर परिणाम जारी किए हैं। आईटी सेवाओं की मांग बढ़ने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े प्रोजेक्ट्स ने राजस्व में मजबूती दी है। वहीं, ऑटोमोबाइल और एफएमसीजी सेक्टर ने भी तगड़ी रिकवरी दिखाई है। त्योहारी सीज़न की शुरुआत से इन कंपनियों की बिक्री में और इज़ाफा होने की संभावना जताई जा रही है।
बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं (BFSI) क्षेत्र ने भी स्थिरता दिखाई है। गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) में कमी और डिजिटल लोनिंग प्लेटफॉर्म्स से कंपनियों को फायदा हुआ है। दूसरी ओर, इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट सेक्टर में भी धीरे-धीरे सुधार देखने को मिल रहा है।
बाज़ार विश्लेषकों के अनुसार, अगर यही रफ्तार बनी रही तो भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर आने वाले महीनों में निवेशकों के लिए और भी बेहतर रिटर्न दे सकता है।
भारत की प्रमुख कंपनियों ने इस तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस लेख में हम प्रमुख कंपनियों के लाभ, नुकसान और आर्थिक प्रभाव को संक्षेप में बता रहे हैं। व्यवसायिक जगत के लिए यह महत्वपूर्ण अपडेट है।