मेडागास्कर

नेपाल के बाद मेडागास्कर में तख़्तापलट, राष्ट्रपति राजोइलिना देश छोड़कर फरार

नई दिल्ली | 14 अक्टूबर 2025
नेपाल के बाद अब अफ्रीकी देश मेडागास्कर में भी जेनरेशन-ज़ी (Gen-Z) युवाओं का आंदोलन सत्ता परिवर्तन तक जा पहुंचा है।
लगातार बिगड़ते जल संकट और महंगाई के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच, राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना ने देश छोड़ दिया है।
विपक्षी दलों, सेना और विदेशी राजनयिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि राष्ट्रपति देश से बाहर जा चुके हैं।

युवाओं का गुस्सा और सरकार की नाकामी

25 सितंबर से शुरू हुआ यह आंदोलन धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया।
युवाओं ने सरकार पर पानी और बिजली की भारी किल्लत, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोप लगाए।
देखते ही देखते राजधानी एंटानानारिवो समेत कई शहरों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए।

सेना की एक इकाई ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर दिया, जिससे राष्ट्रपति की स्थिति और कमजोर हो गई।
विपक्ष के नेता सितेनी ने बताया कि राष्ट्रपति के अचानक देश छोड़ने की सूचना मिलने के बाद राष्ट्रपति भवन के कर्मचारियों को बुलाया गया, जिन्होंने उनके भागने की पुष्टि की।

फ्रांस के विमान से भागने की खबर

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार, राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना फ्रांस के एक सैन्य विमान से देश से रवाना हुए।
हालांकि, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि उन्हें इस यात्रा की कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई।
गौरतलब है कि मेडागास्कर पहले फ्रांस का उपनिवेश रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं।

फेसबुक पर दिया भावनात्मक संदेश

देश छोड़ने से पहले राष्ट्रपति राजोइलिना ने देर रात सोशल मीडिया पर एक संदेश जारी किया।
उन्होंने कहा,

“मैं अपने परिवार की सुरक्षा के लिए अस्थायी रूप से दूर गया हूं, लेकिन अपने देश को अराजकता में नहीं जाने दूंगा।”

राष्ट्रपति ने अपने स्थान का खुलासा नहीं किया, लेकिन दावा किया कि वह जल्द ही “स्थिति सामान्य होते ही लौट आएंगे।”

नेपाल के बाद दूसरी बड़ी बगावत

नेपाल में हाल ही में हुए जेन-ज़ी आंदोलन के बाद मेडागास्कर वह दूसरा देश बन गया है जहां युवा वर्ग ने सत्ता परिवर्तन की दिशा तय की है।
दोनों जगह आंदोलनों का केंद्र समान रहा — युवाओं में बेरोज़गारी, संसाधनों की कमी और प्रशासनिक भ्रष्टाचार को लेकर गुस्सा।

वर्तमान स्थिति

राजधानी में संचार सेवाएं सीमित कर दी गई हैं।

सेना ने राष्ट्रपति भवन और संसद परिसर की घेराबंदी की है।

विपक्षी दल जल्द अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा कर सकते हैं।

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