नई दिल्ली। उद्यमिता को प्रोत्साहन देने और युवाओं को अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए नई नीति की घोषणा की है। इस नीति का उद्देश्य न केवल फंडिंग और कर-राहत प्रदान करना है, बल्कि स्टार्टअप्स को ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करना भी है।
नई नीति के तहत शुरुआती चरण में काम कर रही कंपनियों को आसान लोन सुविधा, टैक्स में छूट और सरकारी प्रोजेक्ट्स में भागीदारी का मौका दिया जाएगा। इसके अलावा, अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशन हब और इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
सरकार का मानना है कि यह कदम रोजगार सृजन में तेजी लाएगा और युवाओं को अपने विचारों को कारोबार में बदलने का अवसर मिलेगा। खास बात यह है कि नीति में ग्रामीण और छोटे शहरों के स्टार्टअप्स पर भी विशेष ध्यान दिया गया है ताकि उद्यमिता केवल महानगरों तक सीमित न रहे।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस नीति से निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा और विदेशी निवेश भी आकर्षित होगा। आने वाले समय में भारत को वैश्विक स्टार्टअप इकोसिस्टम में शीर्ष देशों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकार ने हाल ही में स्टार्टअप्स के लिए नई नीति लागू की है, जिसका उद्देश्य नवाचार और रोजगार को बढ़ावा देना है। इस नीति के तहत टैक्स में छूट, फंडिंग और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। इस लेख में हम नीति के मुख्य बिंदु और इसका व्यवसायिक प्रभाव समझा रहे हैं।