कल रात का मैच देखने में मज़ा ही अलग था। हडर्सफ़ील्ड टाउन ने पूरी कोशिश की, लेकिन मैदान पर मैनचेस्टर सिटी की क्लास और फिल फोडेन की चमक ने सब कुछ अपने नाम कर लिया।
पहले हाफ़ में फोडेन ने गोल कर दिया और स्टेडियम में बैठे फैन्स का उत्साह देखते ही बन रहा था। दूसरे हाफ़ में उन्होंने सविन्हो को पास दिया और सविन्हो का शॉट पोस्ट से टकराकर अंदर गया। बस, फिर क्या था—जश्न शुरू! यह पल साफ़ दिखा रहा था कि फुटबॉल सिर्फ गोल और जीत का खेल नहीं है, बल्कि टीमवर्क, समझदारी और थोड़ी दोस्ती का भी खेल है।
गार्डियोला ने इस मैच में नौ बदलाव किए थे। बड़े खिलाड़ी आराम कर रहे थे, लेकिन फिर भी टीम का खेल पहले जैसा ही धारदार रहा। यही तो मैनचेस्टर सिटी की ताकत है—कोई भी खिलाड़ी उतरे, टीम हमेशा मजबूत दिखती है।
हडर्सफ़ील्ड ने भी हार मानने से इनकार किया। उन्होंने कुछ मौके बनाए, एक शॉट तो ट्रैफ़र्ड के पास से निकल गया, लेकिन सिटी की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वापसी मुश्किल हो गई। पूरे मैच में गेंद का ज़्यादातर समय सिटी के पास रहा, और फोडेन हर मूव में दिख रहे थे—पासिंग, ड्रिब्लिंग या कॉर्नर देना, सबकुछ उन्हीं के हाथ में।
मैच के बाद गार्डियोला ने फोडेन की जमकर तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि फोडेन अब उस फॉर्म में लौट आए हैं, जो उन्हें टीम का असली लीडर बनाता है। और सच में, कल रात मैदान पर फोडेन को देखकर यही एहसास हुआ।
इस जीत के साथ मैनचेस्टर सिटी अब चौथे राउंड में पहुँच गई है, जहाँ उनका अगला मुकाबला स्वानसी से होगा।