रंगपुर, 17 अक्टूबर:
बांग्लादेश के रंगपुर जिले में गुरुवार रात तीस्ता नदी किनारे हजारों लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर सरकार से तीस्ता मेगा प्रोजेक्ट को नवंबर तक शुरू करने की मांग की। यह प्रदर्शन आगामी राष्ट्रीय चुनावों से पहले सरकार पर दबाव बढ़ाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
यह कार्यक्रम “तीस्ता नदी संरक्षण आंदोलन” के बैनर तले आयोजित किया गया था, जिसका नेतृत्व आंदोलन के मुख्य समन्वयक और बीएनपी के रंगपुर डिवीजन के आयोजक सचिव असदुल हबीब दुलु ने किया। उनके साथ कई स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
रात के अंधेरे में “जागो बाहे, तीस्ता बचाओ” के नारे लगाते हुए लोगों ने जलती मशालों के साथ लंबा मार्च निकाला, जिससे पूरा नदी किनारा रोशनी से जगमगा उठा। रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसे ही मशाल जुलूस तीस्ता नदी के किनारे 10 उपजेलों के 31 स्थानों पर एक साथ आयोजित किए गए।
अपने संबोधन में असदुल हबीब दुलु ने कहा कि, “चीन सरकार तीस्ता मेगा प्रोजेक्ट के लिए तैयार है, लेकिन अंतरिम सरकार के वादों के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नवंबर तक परियोजना शुरू नहीं की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
नेताओं ने यह भी ऐलान किया कि यदि सरकार सात दिनों के भीतर परियोजना की तारीख की घोषणा नहीं करती, तो रंगपुर क्षेत्र के पांच जिलों में पूर्ण हड़ताल (शटडाउन) लागू की जाएगी।
इससे पहले, 5 अक्टूबर को बीएनपी समर्थकों ने पांच जिलों में इसी मांग को लेकर प्रदर्शन किया था और स्थानीय प्रशासन के माध्यम से मुख्य सलाहकार के नाम ज्ञापन सौंपा था। 9 अक्टूबर को भी रंगपुर के सभी उपजेलों में इसी तरह के विरोध कार्यक्रम आयोजित हुए थे।
इस बीच, लालमनीरहाट में भी तीस्ता नदी तट के चार अलग-अलग स्थलों पर मशाल रैली निकाली गई, जहाँ हजारों लोगों ने “तीस्ता बचाओ” के नारे लगाए।
लालमनीरहाट के तीस्ता रेल ब्रिज क्षेत्र में कार्यक्रम का नेतृत्व असदुल हबीब दुलु ने किया, जबकि हातीबांधा उपजेला के तीस्ता बैराज इलाके में प्रदर्शन का नेतृत्व बीएनपी कार्यकारिणी समिति के सदस्य हसन राजिब प्रधान ने किया।