Midwest Limited का आईपीओ इन दिनों शेयर मार्केट में सुर्खियों में है। कंपनी का इश्यू 14 अक्टूबर से खुला और पहले ही दो दिनों में निवेशकों की जबरदस्त भागीदारी देखने को मिली। जैसे-जैसे बोली लगाने का समय आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) भी तेजी से ऊपर जा रहा है।
मार्केट रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समय Midwest IPO का GMP करीब ₹160–₹175 प्रति शेयर के बीच चल रहा है। यानी निवेशक इसे इश्यू प्राइस से लगभग 16%–18% अधिक पर खरीदने को तैयार हैं। यह संकेत देता है कि कंपनी के शेयर की लिस्टिंग पर अच्छी बढ़त देखने को मिल सकती है।
IPO का मूल्य और ऑफर विवरण
कंपनी ने अपना इश्यू प्राइस बैंड ₹1,014 से ₹1,065 प्रति शेयर तय किया है। इस इश्यू के ज़रिए Midwest करीब ₹451 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है। फंड का इस्तेमाल कंपनी अपने प्रोजेक्ट विस्तार, कर्ज घटाने और वर्किंग कैपिटल को मजबूत करने में करेगी।
निवेशकों की प्रतिक्रिया और सब्सक्रिप्शन स्थिति
इश्यू खुलते ही खुदरा और संस्थागत निवेशकों दोनों ने अच्छी दिलचस्पी दिखाई है। पहले ही दिन से सब्सक्रिप्शन रफ्तार पकड़ चुका था और दूसरे दिन तक यह लगभग दो गुना भर चुका था।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह शुरुआती उत्साह इस बात का संकेत है कि निवेशक कंपनी के भविष्य को लेकर भरोसे में हैं।
GMP का मतलब क्या है?
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) असल में वह अतिरिक्त रकम होती है जो निवेशक अनौपचारिक बाज़ार में इश्यू प्राइस से ऊपर देने को तैयार रहते हैं। यह कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं होता, लेकिन यह निवेशकों की भावना और संभावित लिस्टिंग गेन का अंदाजा जरूर देता है।
क्या निवेश करना फायदेमंद रहेगा?
Midwest की फाइनेंशियल स्थिति मजबूत मानी जा रही है और कंपनी का ऑर्डर बुक भी बेहतर है। इसके बावजूद, निवेश से पहले कंपनी के RHP, जोखिम कारक और बिजनेस मॉडल पर नज़र डालना जरूरी है।
GMP अच्छा संकेत है, लेकिन निवेश का फैसला केवल उसी पर आधारित नहीं होना चाहिए।