नई दिल्ली | 12 अक्टूबर 2025
फिल्मों से राजनीति में आए केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई।
उन्होंने कहा कि मंत्री बनने के बाद से उनकी आमदनी में गिरावट आई है और वे चाहते हैं कि अब यह ज़िम्मेदारी भाजपा नेता सी. सदानंदन मास्टर को सौंपी जाए।
गोपी ने यह बात केरल में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। उनके साथ कार्यक्रम में सदानंदन मास्टर भी मौजूद थे।
“अब नए चेहरे को मौका मिलना चाहिए”
सुरेश गोपी ने कहा,
“मैं पूरी ईमानदारी से कहना चाहता हूं कि सदानंदन मास्टर को मंत्री बनाया जाए। अगर मेरी जगह उन्हें यह दायित्व दिया जाए तो यह केरल की राजनीति में एक नया अध्याय खोलेगा।”
उन्होंने बताया कि सदानंदन का राज्यसभा सदस्य बनना उत्तरी केरल के लिए बड़ी उपलब्धि है और वे चाहते हैं कि उनका दफ्तर जल्द ही मंत्री कार्यालय बने।
“मैंने कभी मंत्री बनने की इच्छा नहीं जताई थी”
गोपी, जो कि केंद्रीय पेट्रोलियम और पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं, ने कहा कि उनका मकसद कभी पद पाने का नहीं था।
“मैंने राजनीति में आकर अपना फिल्म करियर छोड़ दिया, लेकिन मंत्री बनना मेरा लक्ष्य नहीं था। अब जब आमदनी लगातार घट रही है, तो मुझे लगता है कि मैं किसी और को यह जिम्मेदारी सौंप दूं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने बताया कि उन्होंने 2016 में भाजपा की सदस्यता ली थी और तब से पार्टी के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हैं।
सदानंदन मास्टर — संघर्ष से उभरे नेता
सदानंदन मास्टर भाजपा के पुराने और जुझारू नेता हैं। 1994 में उन पर हुए एक हमले में वे अपने दोनों पैर खो बैठे थे।
कन्नूर ज़िले से आने वाले सदानंदन को पार्टी ने हाल ही में राज्यसभा भेजा है, जिसे गोपी ने “उत्तरी केरल की जीत” बताया।
केरल में भाजपा की प्रतीकात्मक उपस्थिति
सुरेश गोपी केरल से भाजपा के पहले लोकसभा सांसद हैं। उनके बयान के बाद राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई वे पद छोड़ेंगे या यह पार्टी के अंदर किसी बदलाव का संकेत है।
फिलहाल, केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।