ई दिल्ली। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी कूटनीतिक भूमिका को और मजबूत करते हुए कई महत्वपूर्ण पहलों की घोषणा की है। इन पहलों का उद्देश्य वैश्विक सहयोग बढ़ाना, क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करना और भारत की वैश्विक छवि को मजबूती प्रदान करना है।
प्रमुख पहलें:
दक्षिण एशिया सहयोग: पड़ोसी देशों के साथ व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीतियाँ अपनाई गई हैं।
जलवायु और पर्यावरण: भारत ने हरित ऊर्जा और जलवायु संरक्षण के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय समझौतों में सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई है।
वाणिज्य और निवेश: विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए भारत ने आसान व्यापार नीतियाँ और निवेश अवसर पेश किए हैं।
सांस्कृतिक और शैक्षणिक सहयोग: विभिन्न देशों के साथ शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन पहलों से भारत न केवल क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उभरेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक भरोसेमंद और सक्रिय साझेदार के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।
निष्कर्ष: भारत की कूटनीतिक पहलें अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की छवि और प्रभाव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं। आने वाले समय में ये पहलें भारत को वैश्विक नीतियों और निर्णयों में और अधिक सक्रिय और निर्णायक भूमिका निभाने में मदद करेंगी।