हॉलीवुड ने एक और चमकता सितारा खो दिया है।
डायन कीटन, जिन्होंने अपनी मासूम हंसी, अलग अंदाज़ और शानदार अभिनय से करोड़ों दिलों को छुआ, अब इस दुनिया में नहीं रहीं। 79 वर्षीय कीटन का शनिवार को निधन हो गया, जिसकी पुष्टि उनके परिवार ने की है।
डायन कीटन — एक ऐसा नाम जो 1970 के दशक से लेकर आज तक हॉलीवुड की पहचान बना रहा। “एनी हॉल” की बेबाक एनी से लेकर “द गॉडफादर” की शांत और दृढ़ के, उन्होंने हर भूमिका को यादगार बना दिया।
एक अलग ही नज़रिया लेकर आईं
साल 1977 में आई Annie Hall ने न सिर्फ उन्हें ऑस्कर जिताया, बल्कि उनके करियर को नई दिशा दी।
वुडी एलेन के साथ उनकी केमिस्ट्री उस दौर की चर्चा बन गई।
लेकिन डायन की असली खूबसूरती उनके किरदारों की सच्चाई में थी — वो कभी ‘ग्लैमरस हीरोइन’ नहीं बनीं, बल्कि हर बार इंसानियत से जुड़ी एक नई और असली महिला को पर्दे पर जिया।
उन्होंने “Reds”, “Something’s Gotta Give” और “Marvin’s Room” जैसी फिल्मों में भावनाओं की गहराई को ऐसे छुआ कि दर्शक खुद को उनमें देख सकें।
एक बेमिसाल शख्सियत
डायन कीटन की पहचान सिर्फ उनके अभिनय तक सीमित नहीं थी।
उनकी फैशन सेंस — ढीले सूट, टर्टलनेक और बड़ी टोपी — अपने आप में एक सिग्नेचर स्टाइल बन गई।
उन्होंने दिखाया कि एलिगेंस और सादगी साथ चल सकते हैं।
ऑफ-स्क्रीन भी वो उतनी ही दिलचस्प थीं — एक लेखिका, डायरेक्टर और फोटोग्राफर के रूप में उन्होंने रचनात्मकता के हर रूप को जिया।
उनकी किताबें “Then Again” और “Let’s Just Say It Wasn’t Pretty” ने उनके भीतर झाँकने का मौका दिया — जहाँ एक इंसान था जो सफलता के बावजूद खुद को समझने की कोशिश कर रहा था।
रिश्तों और जीवन के रंग
डायन के जीवन में वुडी एलेन, वॉरेन बीटी और अल पचीनो जैसे नाम रहे — लेकिन उन्होंने कभी शादी नहीं की।
वो कहती थीं, “शायद मैं प्यार को समझती थी, लेकिन रिश्तों में ठहरना नहीं सीख पाई।”
50 की उम्र के बाद जब उन्होंने दो बच्चों को गोद लिया — डेक्स्टर और ड्यूक, तो उनका जीवन बदल गया।
“अब मुझे लगता है, मैंने आखिरकार वो पा लिया जिसके लिए मैं जी रही थी,” उन्होंने एक बार कहा था।
पर्दे से परे एक प्रेरणा
डायन कीटन सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं थीं — वो एक सोच थीं।
उन्होंने साबित किया कि एक महिला खुद की कहानी खुद लिख सकती है, बिना किसी टेम्पलेट के।
उनका संवाद “ला-डी-डा, ला-डी-डा” आज भी सिनेमा प्रेमियों के चेहरों पर मुस्कान ला देता है।
उन्होंने कभी रेस में भाग नहीं लिया, बस अपनी चाल में, अपने स्टाइल में चलीं — और यही उनकी सबसे बड़ी खूबी थी।